कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय केंद्र योजना। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषी विस्तार प्रबंधन संस्था के कृषी मंत्रालय भारत सरकारने आयोजित किया है भारत देश कृषीप्रधान देश माना जाता है | हमारे देश में अलग अलग फसले की खेती होती है। बहुत से लोग है जो आज भी सिर्फ खेती ही करते है।
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Toggleभारत देश मे खेती भी बहोत अच्छी है। कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना का मतलब है। कृषी यानी खेती हमारे देश में खेती माता माना जाता है ।
भारत देश में सबसे ज्यादा लोक खेती करते है। और सबसे ज्यादा फसले भी भारत देश मे ही होती है। इसमे मानो तो ज्वारी/ गहू/बाजरी/कॉटन सब अलग अलग के फसली होती है। इसीलिए सरकारने कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना निकाली है।
आप सब जानते है की इस कृषी व्यवसाय केंद्र में अलग अलग से प्रशिक्षण बी दिया जाता है। डिग्री भी होती है। और इस मे आप प्रशिक्षण करके आप अपना खुद का बिजनेस। यनी खुदका व्यवसाय कर सकते है।
कृषी मंत्रालय भारत सरकारने देशभर मे खेती के बेहतरीन तरीके पहचाने के लिए बहुत सी योजना सुरू की है। कृषी क्षेत्र को उपयोग मे लाना है। चाहे आप आपना खुद का ॲग्री क्लीनिक या कृषी व्यवसाय केंद्र चालू कर सकते है।
कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय योजना मे। कुक्कुटपालन। रेशमी उत्पादक। पशु चिकित्सा विज्ञान। मत्स्य पालन। वाणीकी। डेयरी। इस सब प्रशिक्षण देने का प्रारंभ किया है। प्रशिक्षण पूरा करने वाले को। व्यवसाय चालू करने के लिए सरकार मदद भी कर सकती है।
कृषी और कल्याण भारत सरकार द्वारा एजन्सी के रूप मे दे जायेगा! एजन्सी लेने के लिए आपको उसका प्रशिक्षण लेना पडेगा। जो भी आप व्यवसाय लेना चाहते है। उसका आपको पहले प्रशिक्षण लेना पडेगा। उसकी सब जानकारी लेकर आप अपना व्यवसाय चालू कर सकते है। जो भी आपको व्यवसाय लेना है। भारतीय बँक ऋण प्राप्त कर सकते है। कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना जारी किए गई है।
इस योजना का पर्यावरण विज्ञान और जीवन विज्ञान प्रशिक्षण जारी कर रही है। कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना एप्रिल 2002 शुरु कर गई थी।
जिसका उद्देश कृषी स्थान को रोजगार देना है। किसानों को कृषी सेवाए उपलब्ध करना। पशु स्वास्थ के लिये आवश्यक सेवाए उपलब्ध करते है। और खेती के बारे मे किसानो को सलाए देना खेती की मशीन और खेती का प्रशिक्षण देना| यही कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय का उद्दिष्टे है।
नाबार्ड ये योजना के लिए एक सब्सिडी चैनलाइजिंग एजेंसी की रूप में काम कर रहा है।
कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना के उद्दिष्ट
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय) भारत देश कृषीप्रधान देश माना जाता है। किसान को आणि सेवा ही प्रदान करके। कृषी विकास का समर्थन करने के लिए। बेरोजगार कृषी स्थानो को। कृषी डिप्लोमा करके जो लोग बेरोजगार है। उन लोगो के लिये हे योजना स्थापित की गई है। ही योजना मे प्रशिक्षण लेकर आप अपना बिजनेस चालू कर सकते है। कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय
कृषी स्थानो को रोजगार देकर आर्थिक व्यवहार पर व्यवसाय के द्वारा अधिक मदद करना इस योजना मे आप अपना कुक्कुटपालन बिजनेस कर सकते हो। इसके लिये जो भी सामग्री लगती है। प्रशिक्षण लेकर आपणा बिजनेस चालू कर सकते है.कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
- कृषी चिकित्सलय और कृषी व्यवसाय केंद्र
योजना एप्रिल 2002 मे सुरू की गयी थी। जिसका उद्देश किसानो को रोजगार उपलब्ध कर के आर्थिक रूप मे मदद करना था। सरकार को जितना धान्य उत्पादन नही हो रहा था। सरकार प्रणाली को बढाना था। इस योजना के फायदे नॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ एकटेंशन मॅनेजमेंट मॅनेज के द्वारा शुरू की गई है। सेवाओ के संबंधित जरूरते मदद मिल जायेगी। अगर आप सेवाओ केंद्र चालू करना चाहते है। तो आपको सरकार की तरफ से ब्याज भी मिल जायेगा!
भारत देश मे सरकारने निर्णय लिया है कि “कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र की स्थापना के लीये। सबसिडी के आधार पर योजना सुरू की जाये.
ये योजना बागवानी। वामिकी। डेयरी। कुक्कुटपालन। शेळीपालन। मत्स्य पालन। पशु चिकित्स्या। इसके आधार पर ये योजना शुरु की गई है। कृषी व्यवसाय के लिये शुरू की गई है।
” चिकित्सालय याने खेती जो आपने खेती मे जो सामग्री लगती है। फसलो की औषधी। खत। बियाणे। सब सामग्री आती है इसमे। कृषी चिकित्सालय मे जिनोने भी एग्रीकल्चर की है और कुछ भी नही करते। उनके लिये कृषी चिकित्सालय बिझनेस चालू कर सकते है।
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय) जीन किसानों को जरुरत है। उने सेवाए उपलब्ध करना है। कृषी राज्य मे रोजगार की शुरुवात करनी है। इसके लिये आपको लोन भी मिलेगा।
कृषी सेवा केंद्र आप ऑनलाईन या ऑफलाईन भी अप्लाय कर शकते हो। बँक की तरफ से 25% की मुदत होगी! बेहतर कृषी पद्धतीयो को बडवा देना किसानों को प्रमाणित करणा। कृषी विकास प्रोसान करना है। ये तब किया जाता है। जब खाद्य पद्धत की कमी हो। अनाज की कमी हो जाये। तब राष्ट्र के विकास का उपयोग करते है। कृषी का मुख्य उद्देश भारत देश मे अनाज की कमी भास रही हो। तब देश के लोगो के लिये अनाज का साठा करना है। कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
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कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना के परिभाषा
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय) कृषी योजना केंद्र के माध्यम से। फसले का माध्यमता को बढाना पशु की खाद्यपदार्थ बढाना किसानो की मेहनत करने का और उनके आय को बडाया देना। किसानो जो मेहनत करते है। उसे भी अच्छा फसले उबाने के लिए और उन्हे टाईम पे सब मिल जाने के लिए। कृषी योजना केंद्र शुरू किया है! (कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय) जो व्यक्ती पेन्शन लेता है ओ व्यक्ति सबसिडी के लिए पात्र नही है। फिर भी हो प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। और योजना की स्थापना भी कर सकते है।
परियोजना की गतीविविधया
- खेती और पानी को मिलाकर प्रशिक्षण की प्रयोगशाळा
- कीटकनाशक की निग्रणी करने की सेवाए।
- ठिबक सिंचन प्रणाली। कृषी साहित्य उपकरनो की कस्टम हायरिंग!
कृषी सेवा केंद्र के अनुसार तीन उपक्रम
- बीज और औषधे।
- कृषी सेवा केंद्र के ए तीन समूह गती विधाए शामिल है।
- वर्मी कल्चर मे जैविक कीटकनाशक। दवाईया औषधे। जैविक नियंत्रण एजंट का उत्पादक।
- मधुमक्खी का पालन करना और उनका शहर निकाल कर। बेज देना।
- जल कृषी योजना के लिए हेचिरी और मछली के बच्चो का पालन पोषण करना। और उसका उत्पादन करना।
- पशु की निग्रणी रखने के लिए स्वस्त जगाह। पशु चिकित्सलय को आयोजित करना।
- खेती के संबंधित अलग अलग पोर्टल तर पोहोचणे के लिये। ग्रामीण भाग की सूचना देकर आप कर सकते हो।
- कृषी इनपुट और आउटपुट ग्रामीण भाग की डीलरशिप आप ले सकते हो!
- पशु के स्वास्थ रखने के लिए उनकी देखभाल करने के लिए। कव्हर प्रधान किया है उसमे फ्रोजन वीर्य बँक और नायट्रोजन। पशु चिकित्सालय औषध दवाई की स्थापना। कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय पात्रता
कृषी के संबंधित राज्य कृषी विद्यालय। भारतीय कृषी परिषद। केंद्रीय कृषी विद्यालय। यूजीसी द्वारा इन विद्यालय की मान्यता प्राप्त होना चाहिये। जो भी कृषी योजना केंद्र व्यवसाय शुरु करना चाहता है। उसकी कृषी एग्रीकल्चर की डिग्री प्राप्त होनी चाहिये।
- कृषी के संबंधित कृषी के सब अभ्यासक्रम। कृषी के बारे मे सब जानकारी होनी चाहिये। उसके पास कृषी के संबंधित सब डिग्री या भारत सरकार की होनी चाहिये। तभी उसको कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना शुरु करने का आदेश मिल सकता है।
- राज्य कृषी विद्यालय से कृषी के संबंधित कृषी के डिप्लोमा होना चाहिए। कृषी सहाय्यकरिता विभाग द्वारा उनके संबंधित सब डिग्री होनी चाहिये। भारत सरकार द्वारा मान्यता वाली डिग्री होनी चाहिये। कम से कम 50%
- ग्रॅज्युएट होना चाहिए। सहकार्य विभाग द्वारा प्राप्त अन्य सहकारी द्वारा दि गयी वाली डिग्री। भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारने आनेवाली सब संस्था की डिग्रीया।
- यूजीसी से आदिन 60% मान्यताप्राप्त विशेष सामान बीएससी जीव विज्ञान शिक्षण प्राप्त कॉलेज और विद्यलय से प्राप्त होने वाली डिग्री।
- जीवन विज्ञान से आपने जो शिक्षण लिया है। आपके पास जो भी डिग्री है। कृषी तज्ञ मे आपके विषयी आपकी डिग्री या। इसके संबंधित जानकारी होनी चाहिए। !
- बेरोजगार खेती स्थान पर कृषी संबंधित जो आते है जैसे की बागावाणी। पशुपालन। वाणी की। मुर्गी पालन। मत्स्यपालन। रेशमी उत्पादन। इसमे से जो भी आपको योजना सुरू करणे हे। आप कर सकते हो।
- कृषी चिकित्सालंय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना स्थापना के लिये। एक व्यक्ती को 10 लाख रुपये मिलते है। और पाच लोगो के लिए 50 लाख रुपये देती है भारत सरकार।
- कृषी सेवा केंद्र स्थापना करने वाली का आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
- कम से कम 55% अंकों के साथ इंटरमीडिएट (यानी बारहवीं) तक कृषी संस्था की पढाई होनी चाहिये।
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय अपात्रता
जो लोग पेंशन का लाभ लेते है। सेवानिवृत्त कर्मचारी सब्सिडी के लिए पात्र नहीं हैं। लेकिन ओ प्रशिक्षण ले सकते है। और खुद की योजनाएं स्थापित कर सकते हैं।
अपवाद- जिन लोगो को पेन्शन मिलती है। सरकारी कर्मचारी सबसिडी के लिये पात्र नही है। लेकिन व प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है! और योजना की स्थापना भी कर सकते है! कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाईन
- जो लोग कृषी योजना संस्था के लिए तयार है। सेवाए केंद्र मे जाकर ऑनलाइन आवेदना करना पडेगा।
- फॉर्म भरते समय आप अपने डॉक्युमेंट्स सही तरी से सबमिट करना पडेगा। जो भी दस्तावेज दे दीये है उस पार उसे सही तरह से अपलोड कर दीजिए।
- आवेदना फॉर्म अपलोड करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक कीजिए। और जो भी लिख देती है उस पार क्लिक करके आपका फॉर्म सबमिट हुआ का नही देख लीजिए। कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
अधिकृत संकेतस्थळ- https://www.agriclinics.net/
कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय दस्तावेज
1) आवेदना का आधार नंबर
2) आवेदना की मेल आयडी
3) आवेदना की शैक्षणिक योग्यता खूप प्रमाणित करने वाले दस्तावेज।
4) आवेदना का बँक खाता पासबुक
5) आवेदना का फोटो
आधार कार्ड की कॉफी। मतदाता पत्र। रेशन कार्ड। पी. ए. एन. पास पोर्ट। कर्मचारी की सरकारी आयडी। बँक या डाक घर का पासबुक। मनरेगा कार्ड। किसान का पासपोर्ट आकार का फोटो। ड्रायव्हिंग लायसन्स। राज्य सरकार द्वारा और कोई अन्य दस्तावेज। (कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
हमेशा पुछे जाने वाले प्रश्न
1) योजना के पात्रता के लिए कोई अन्य शर्त है?
उत्तर:- हा जो लोगो को पेन्शन लेते है। ओ कर्मचारी सबसिडी के लिये पात्र नही है। लेकिन ओ प्रशिक्षण! प्राप्त कर सकते है!और खुद की योजना स्थापित कर सकते है!
2) कृषी चिकित्साले और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना कब शुरु हो गयी थी?
उत्तर:-कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना अप्रिल 2002 शुरु हो गई थी!
3) योजना का उद्देश क्या था?
उत्तर :- बेरोजगार किसानो को रोजगार देना!
4) प्रशिक्षण की योजना क्या है?
उत्तर:- कृषी चिकित्सालय और कृषी व्यवसाय केंद्र योजना स्थापित करने के लिये। जो भी व्यक्ती इच्छुक है! उनके लिये 45 दिनो का प्रशिक्षण।
सारांश
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो शकती है!इस तरह आप कृषी क्षेत्र (AC&ABC) योजना में बोहोत अच्छा विचार है। यह सिर्फ किसानो न को। जानकारी जाती है। सभी कृषी प्रशिक्षण प्राप्त करणे वाले को सभी छात्र के लिए। रोजगार की नही उम्मीद है! कृषि-चिकित्सालय और कृषि-व्यवसाय)
इस योजना से ग्रामीण के लोगो को भी प्रगती मिल जायेगी!और देश का विकास करणे का। कृषी योगदान बडेगा! यदि आप भी कृषी क्षेत्र से जुडे है और कृषी मे अपना करियर बनाना चाहते है तो AC&ABC आपके लिये!एक बोहत अच्छा मोका हो सकता है!
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